उत्तराखंड
Chardham Yatra: धामों में बर्फबारी ने बढ़ाई प्रशासन की मुसीबत…
चारों धामों में कपाट खुलने से ठीक पहले हो रही बर्फबारी से यात्रा के इंतजामों में जुटी प्रशासनिक मशीनरी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग भैरव ग्लेशियर में हिमखंड टूटने से बंद हो गया। उधर,हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच राजमार्ग बर्फबारी के चलते बुधवार दोपहर तक बंद रहा। हेमकुंड पैदल मार्ग से बर्फ हटा रही सेना की टीम गुरुवार को घांघरिया से आगे नहीं जा सकी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में जारी बर्फबारी के कारण साफ-सफाई और मंदिरों को सजाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें
केदारनाथ हिमखंड टूटने से पैदल मार्ग बंद केदारनाथ में दो दिन से रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इससे गुरुवार को कुबेर और भैरव गदेरे के बीच हिमखंड टूट गया। इसके चलते पैदल मार्ग बंद होने से यात्रा के इंतजामों में जुटे मजदूरों और कर्मचारियों की आवाजाही नहीं हो सकी। लोनिवि के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि 30 मजदूरों की टीम मौके से बर्फ हटाने को भेजी है। धाम में करीब डेढ़ फीट ताजा बर्फ गिरी है। इस कारण यात्रियों के लिए टैंट लगाने समेत अन्य कामों में मुश्किलें आ रही हैं।
हेमकुंड मार्ग से बर्फ हटाने का काम रुका
हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर अटलाकोटी और हेमकुंड के बीच पहले ही सात से आठ फीट तक बर्फ है। बीते दो दिनों में तीन फीट तक बर्फ गिरने से सेना को बर्फ हटाने का काम रोकना पड़ा है। गोविंद घाट गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सेना के इंजीनियरिंग कोर के जवान व अफसर घांघरिया में रुके हुए हैं।
गंगोत्री-यमुनोत्री बर्फबारी से नहीं हो पाया काम
गंगोत्री,यमुनोत्री, हर्षिल, मुखबा आदि क्षेत्रों में छह इंच से लेकर एक फीट तक बर्फ गिरी। इससे गंगोत्री में बिजली,पानी व सफाई के साथ मंदिर की साजसज्जा नहीं हो पाई। यमुनोत्री धाम में सीढ़ियों और हाईवे पर चल रहा पेंटिंग का काम प्रभावित रहा। उधर, शुक्रवार को मुखबा से गंगा की उत्सव डोली बर्फ से ढके रास्ते ही रवाना होगी
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