देहरादून
गौ यात्राः श्रीराम गौधाम सेवा समिति को मिला संतों का आर्शिवाद, जगदीश प्रसाद भट्ट ने दिया ये संदेश…
देवभूमि की तीर्थनगरी ऋषिकेश के जगदीश प्रसाद भट्ट गौ सरंक्षण के अपने उद्देश्य को पूरा करने में जुट गए है। इसी कड़ी में उन्होंने गढ़वाल मंडल में गौ संरक्षण यात्रा निकाली। इस सात दिवसीय गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा” में जहां श्रीराम गौधाम सेवा समिति को संतों का आर्शिवाद मिला तो वहीं उन्होंने गढ़वाल मंडल में दूर-दूर जाकर आम जन को गौ सेवा और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया।
गौ सेवा समिति के संस्थापक जे पी भट्ट ने कहा कि ये यात्रा समिति का संकल्प था। इस यात्रा को निकलाने से पहले हमने सभी संत महाराज, महामंडलेश्वर का आशिर्वाद लिया था। उन्होंने इस मुहीम को सराहा। गौ माता और साधु संतो के आर्शिवाद से उन्हें और गौ सेवको को यात्रा में कोई विघ्न नहीं आया। उन्होंने कहा कि संत महाराज का आर्शिवाद रहेगा तो हम एक दिन निश्चित ही समिति की मेहनत रंग लाइगी और देवभूमि की सड़कों पर कोई भी बद्रीगाय विचरण करती नहीं आएगी।
लोगों को जागरुक करते हुए कहा की हम सब गाय माता को एक साधारण पशु समझ कर बैठे है, मगर यह हमारी गौ माता है और मां की सेवा करना बहुत जरूरी है नहीं तो हमारा समाज का पतन होना शुरू हो जाएगा। गाय माता सनातन धर्म की प्राण है और गौ माता स्वयं ही देवी देवताओं के सामान है। इस ऐतिहासिक गौ रथ यात्रा का उद्देश्य गावं से लेकर शहर के सड़कों पर निराश्रित घूम रही गौमाता एवं गौ वंशो की दशा सुधारना हौ। उन्होंने यात्रा के दौरान समस्त आम जनमानस से गौ रक्षा करने की अपील करते हुए उन्हें जागरुक किया।
जगदीश प्रसाद भट्ट बताते है कि वह गौ माता के अंदर सभी देवी देवताओं का वास होता है मेंने अपनी दिनचर्या के सभी कामों में गौ सेवा को भी शामिल कर रखा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लोग डाउन के दौरान उन्होंने सड़कों पर जब घूम रही गाय को देखा तो उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की मां गौ माता को बचाने और उनकी देखभाल करने का प्रण लिया। इसी प्रण को पूरा करते हुए वह लगातार काम कर रहे। उनकी समीति में लोग जुड़ रहे है। समीति द्वारा गौ सेवा के लिए निरंतर काम किए जा रहे है। वह रुकने वाले नहीं है। आगे भी वह इस प्रकार काम करते रहेंगे।
जगदीश भट्ट ने संकल्प लिया है कि वो आजीवन गौ माता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने प्रण लिया है कि गौ माता के लिए इतना कर के जायेंगे उनके बाद भी सेवा निरतंर चलती रहे। उनका मानना है कि उन्होंने अपने जीवन से एक सिख ली की ईश्वर की चरणों की प्राप्ति करना है तो इन गौ माता की सेवा करना पड़ेगा क्योकि जिन गौ माता के शरीर मे 33 करोड़ देवी देवता विराजमान है अगर हमने उन गौ माता की सेवा कर ली तो समझो 33 करोड़ कोटि देवी देवता की सेवा कर ली। उन्होंने इसके लिए विशेषकर युवा वर्ग और देवता समान बुजुर्ग सभी मिलकर गौ माता की सेवा के लिए आगे आने और मिलकर गौ माता की सेवा करने की अपील की है।
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