उत्तराखंड
केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों को करना होगा ये काम, पढ़ें निर्देश…
केदारनाथ यात्रा के लिए जिला प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है। बताया जा रहा है कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों, डंडी-कंडी संचालकों एवं दुकानों के संचालन हेतु स्थानीय लोगों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। इतना ही नहीं यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को कोई परेशानी व असुविधा न हो इसके लिए घोड़ा-खच्चर के साथ चलने वाले हाॅकर का पंजीकरण भी अनिवार्य किया जाएगा।
बता दें कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा को सुव्यवस्थित एवं सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों एवं होटल एसोशिएन के साथ बैठक आयोजित की गई जिनमें उनके सुझावों को भी सुना गया। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी सुझाव दिए गए हैं उन पर यथोचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि श्री केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करना सभी की जिम्मेदारी है इसमें उन्होंने सभी का सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा यात्रा व्यवस्था को ठीक ढंग से संचालित कराने के लिए घोड़ा-खच्चरों का संचालन शासन के निर्देशानुसार किया जाएगा तथा यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को कोई परेशानी व असुविधा न हो इसके लिए घोड़ा-खच्चर के साथ चलने वाले हाॅकर का पंजीकरण किया जाना अनिवार्य है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में बीमार एवं कमजोर घोड़ा-खच्चरों का संचालन नहीं किया जाएगा तथा किसी भी दशा में यात्रा मार्ग में किसी घोडे-खच्चरों के साथ पशु क्रूरता न हो इस पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि डंडी-कंडी संचालकों की संख्या भी सीमित रहेगी एवं जिन डंडी-कंडी का पंजीकरण किया जाएगा उनका पहले पुलिस सत्यापन भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा तथा सभी डंडी-कंडी संचालकों के परिचय-पत्र भी निर्गत किए जाएंगे।
वहीं बैठक में अध्यक्ष ट्रेड यूनियन घोड़ा-खच्चर संचालन गोविंद सिंह रावत ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए गुणवत्तायुक्त फीड की व्यवस्था की जाए एवं सभी घोड़े-खच्चरों का बीमा कराते हुए किसी भी घोड़े-खच्चरों की मृत्यु होने पर उनकी बीमा राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए तथा बीमा पाॅलिसी एक समान बनाई जाए। यात्रा मार्ग में साफ-सफाई की व्यवस्था भी दुरस्त कराई जाए। सुभाष ने अवगत कराया है कि हैली सेवा में जो स्थानीय लोग कार्य कर रहे हैं उन सभी का बीमा करवाया जाए तथा सभी को उचित वेतन उपलब्ध कराया जाए।
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