उत्तराखंड
Uttarakhand News: साइबेरियन पक्षी से गुलजार हुई सुसवा नदी…

डोईवाला। डोईवाला से बहने वाली सुसवा नही इन दिनों साइबेरियन पक्षी से गुलजार हो चुकी है। यह सर्दियों में महीने तक विदेशी पक्षियों का आगमन होता है। जिससे पर्यावरण प्रेमी काफी अच्छा मानते हैं। लेकिन राजधानी के मल मूत्र व भारी गंदगी को ढोने वाली सुसवा नदी अपने अस्तित्व को खोती जा रही है। इन पक्षियों को विकासनगर आसन बैराज के साथ हरिद्वार के गंगा नदी तक पक्षियों को संरक्षण देने की जरूरत है।
पूर्व प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता उमेद बोरा ने कहा कि साइबेरियन पक्षी रात्रि विश्राम के साथ ही सुसवा में चहलकदमी कर रहै हैं। इनका अवैध शिकार होने का भी खतरा बना रहता है। साथ ही विदेशी पक्षियों का आगमन से बर्ड फ्ल्यू का भी खतरा बना रहता है। उनकी मांग है सुसवा नदी में झील बनायी जाए। जिससे क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। और पशु पक्षियों के संरक्षण के साथ ही क्षेत्र वासियों को स्वरोजगार मिलेगा।
पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को गस्त बढाई जानी चाहिए। साथ ही पशुपालन विभाग को समय समय पर साइबेरियन पक्षियों पर नजर रखी जानी चाहिए। जिससे बीमारी न फैले। वहीं पर्यावरण विभाग को सुसवा नदी में आ रही गन्दगी की जांच भी की जानी चाहिए। जिससे पशुओं पक्षियों में कोई बीमारी न फैल सके।
साइबेरिया की ठंडी जलवायु से बचने को यहाँ आते है पक्षी
डोईवाला। साइबेरिया की ठंडी जलवायु से बचने के लिए वहां के पक्षी हर वर्ष नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में ही यहाँ पर दिखाई देने लगते हैं। इन्हें यहाँ के मैदानी भाग की जलवायु काफी पसंद है। यही कारण है कि यह कई किमी तक सुसवा व गंगा के किनारे को अपना बसेरा बनाए हुए हैं।

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