उत्तराखंड
Roadways Bus: उत्तराखंड से दिल्ली बस सेवा पर मंडराने लगा संकट, इस आदेश ने बढ़ाई मुश्किल, जानें मामला…
Roadways Bus: उत्तराखंड से दिल्ली का सफर करने वाले ये खबर जरूर पढ़ लें। दिल्ली सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पुरानी बसों और डीजल बसो पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार के बीएस-6 वाहनों को ही प्रवेश देने के आदेश के बाद परिवहन निगम ने सीएनजी बसों का टेंडर भी निकाला, लेकिन उसमें कंपनियां नहीं आईं। अब निगम के सामने 30 सितंबर तक बसों का इंतजाम करने की चुनौती है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अगर आप 10 साल से ज्यादा पुरानी रोडवेज बस में बैठकर उत्तराखंड से दिल्ली का सफर करने वाले हैं तो आपको मुश्किल हो सकती है। दिल्ली के परिवहन आयुक्त की ओर से उत्तराखंड परिवहन मुख्यालय को एक पत्र भेजा गया था। पत्र में लिखा था कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहन सीएनजी से चलते हैं। इसके अलावा डीजल वाहनों का संचालन बंद हो चुका है। जिस कारण उत्तराखंड परिवहन की 200 बसों को एंट्री नहीं मिलेगी।
दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद परिवहन निगम ने आनन-फानन में लगभग 140 बीएस 6 बसों का टेंडर निकाला था। लेकिन कोई कंपनी आगे नहीं आई है। ऐसे में अब विभाग के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम के पास मौजूदा समय में लगभग बीएस-6 की 22 बसें हैं। लगभग 30 से अधिक बसें अनुबंध पर हैं। गढ़वाल और कुमाऊं रोजाना करीब 130 बीएस-6 बसें दिल्ली के लिए प्रस्थान करती हैं। इन बसों से निगम को दिल्ली की बसों से अच्छी कमाई होती है।
दिल्ली सरकार के भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि बाहरी राज्यों के डीजल वाहन ही यहां आते हैं। इसलिए जो भी रोडवेज बसें यहां भेजें, वो 10 साल से ज्यादा पुरानी ना हो। अगर बस 10 साल से ज्यादा पुरानी हो गई तो उसके लिए हर हाल में प्रदूषण प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। अगर बीच रास्ते ऐसी बसों पर कार्रवाई हुई, तो आपका वक्त बर्बाद हो सकता है।
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