उत्तराखंड
एक चिठ्टी ने उत्तराखंड से दिल्ली जानें वाली 200 बसों पर लगा दिया ब्रेक, जानें पूरा मामला…
देहरादूनः उत्तराखंड से दिल्ली का सफर करने वाले ये खबर जरूर पढ़ लें। दिल्ली सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पुरानी बसों और डीजल बसो पर रोक लगा दी गई है। जिसके लिए परिवहन मुख्यालय को भी पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की 200 बसों पर एक अक्टूबर से दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी है। दिल्ली में एक अक्टूबर से अब सिर्फ बीएस-6 इंजन वाली बसों की ही एंट्री होगी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अगर आप 10 साल से ज्यादा पुरानी रोडवेज बस में बैठकर उत्तराखंड से दिल्ली का सफर करने वाले हैं तो आपको मुश्किल हो सकती है। ऐसी बसों पर दिल्ली सरकार कार्रवाई का प्लान बना चुकी है। दिल्ली के परिवहन आयुक्त की ओर से उत्तराखंड परिवहन मुख्यालय को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहन सीएनजी से चलते हैं। इसके अलावा डीजल वाहनों का संचालन बंद हो चुका है। जिस कारण उत्तराखंड परिवहन की 200 बसों को एंट्री नहीं मिलेगी।
दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद परिवहन निगम ने आनन-फानन में लगभग 140 बीएस 6 बसों का टेंडर निकाला है। उत्तराखंड परिवहन निगम के पास मौजूदा समय में लगभग बीएस-6 की 22 बसें हैं। लगभग 30 से अधिक बसें अनुबंध पर हैं। गढ़वाल और कुमाऊं रोजाना करीब 130 बीएस-6 बसें दिल्ली के लिए प्रस्थान करती हैं। इन बसों से निगम को दिल्ली की बसों से अच्छी कमाई होती है।
दिल्ली सरकार के भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि बाहरी राज्यों के डीजल वाहन ही यहां आते हैं। इसलिए जो भी रोडवेज बसें यहां भेजें, वो 10 साल से ज्यादा पुरानी ना हो। अगर बस 10 साल से ज्यादा पुरानी हो गई तो उसके लिए हर हाल में प्रदूषण प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। अगर बीच रास्ते ऐसी बसों पर कार्रवाई हुई, तो आपका वक्त बर्बाद हो सकता है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें