उत्तराखंड
राजनीतिः उत्तराखंड कांग्रेस में एक साथ होगा नेता प्रतिपक्ष सहित इन तीन पदों का ऐलान, चर्चाओं का बाजार गर्म…
देहरादूनः उत्तराखंड में पांचवी विधानसभा का पहला विधानसभा सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के हुआ है। ऐसे में सबकी निगाहे नए प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष पर टिकी है। हार के बाद कांग्रेस के तीनों पद खाली है। हरीश रावत से बीजेपी नेताओं का मेलजोल सियासी गलियारों में चर्चा में बना है। लोकसभा चुनाव को लेकर माना जा रहा है कि कांग्रेस एक बड़ा फैसला लेने वाली है। जल्द ही तीनों पदों का ऐलान होने वाला है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष के चयन के माध्यम से प्रदेश के समीकरणों को पार्टी के पक्ष में मोडऩे की कसरत की जा रही है। पार्टी को दो साल बाद लोकसभा चुनाव के मोर्चे पर जूझना है। इसलिए नई नियुक्तियों में तालमेल पर जोर रहने की संभावना जताई जा रही है। माना ये भी जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के साथ एक या दो कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए जा सकते हैं। कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस के सभी विधायक और वरिष्ठ नेता नेता प्रतिपक्ष के चयन करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी जिन्हें भी सौंपी जाएगी, पार्टी के सभी लोग उनके साथ मजबूती से काम करेंगे।
गौरतलब है कि चुनाव के बाद जिस तेजी से दिग्गजों के बीच तल्खी बढ़ी है, उसे देखते हुए पार्टी नेतृत्व के लिए भी नई नियुक्तियों को लेकर निर्णय लेना आसान नहीं है। माना जा रहा है कि फिर से मुकाबले में आने के लिए इन महत्वपूर्ण पदों के बहाने क्षेत्रीय व जातीय संतुलन को नए सिरे से साधा जा सकता है। विधानसभा चुनाव में दोबारा बुरी तरह पराजय मिलने के बाद पार्टी नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर संगठन को मजबूती से खड़ा करने की तैयारी में है। इस राह में सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर गुटबंदी और खींचतान की है।
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