देहरादून
खुलासाः देहरादून में यहां निरीक्षण करने स्कूल पहुंचे अधिकारी तो लटका मिला ताला, जानें पूरा मामला…
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग के दावों की पोल उस वक्त खुल गई जब रायपुर के कई स्कूलों में अचानक निरीक्षण करने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी पहुंचे। निरीक्षण के दौरान किसी स्कूल में बच्चें नहीं मिले तो कहीं ताले पड़े थे। कहीं शिक्षक ही नादारद थे। तमाम तरह की खामियां स्कूलों में देखने को मिली। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढवाली कॉलोनी में प्रधानाध्यापक सहित कार्यरत 6 अध्यापकों में से निरीक्षण के समय प्रधानाध्यापिका व चार सहायक अध्यापिकायें तो उपस्थित मिली, लेकिन पढ़ने वाला एक भी बच्चा स्कूल में नहीं था। स्कूल में वैसे तो कुल 179 बच्चें पंजीकृत हैं, जिनमें से 128 बच्चों को उपस्थिति पंजिका में उपस्थित दिखाया गया है, मगर निरीक्षण में पता चला कि अध्यापकों ने बच्चों को निर्धारित समय से पूर्व ही घर भेज दिया गया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मंगलवार को देहरादून के रायपुर विकास खण्ड के तहत कई विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया तो व्यवस्था की सार पोल खुल कर सामने आ गई। कहीं शिक्षक नहीं मिले तो कहीं विद्यार्थी। बताया जा रहा है कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुन्दरवाला निरीक्षण के समय अपराह्न 2 बजे विद्यालय भवन के मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था और विद्यालय में कार्यरत तीनों अध्यापिकाओं में से कोई भी उपस्थित नहीं थी। विद्यालय परिसर में ही संचालित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा अवगत कराया गया कि बच्चों की फेयरवेल पार्टी थी, जिस कारण वहां के अध्यापक एवं बच्चों की छुट्टी हो गयी। विद्यालय में शौचालय प्रयोगहीन पाये गये। विद्यालय के पास जमीन की उपलब्धता है, मगर उसका सही उपयोग विद्यालय की ओर से नहीं किया जा रहा है।
तो वहीं दूसरी ओर राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुन्दरवालाः रा.प्रा.वि. सुन्दरवाला में भी निरीक्षण के समय छात्रों की छुट्टी कर दी गई थी। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लाड़पुरः निरीक्षण के समय कोई भी शिक्षक कक्षा में अध्यापन करता हुआ नहीं पाया गया। विद्यालय में छात्र-छात्रायें इधर-उधर घूम रहे थे, जो कि अत्यंत निराशाजनक स्थिति है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नत्थनपुर में विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक व दो अध्यापिकायें उपस्थित थीं लेकिन कोई भी अध्यापक कक्षा-कक्ष में शिक्षण कार्य नहीं करवा रहा था। ऐसे में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून का व्यक्तिगत ध्यान अपेक्षित करते हुये निर्देशित किया गया कि उक्त विद्यालयों के साथ ही जनपद के समस्त विद्यालयों का समय-समय पर अनुश्रवण-निरीक्षण करवाकर विद्यालयों में अध्यापन कार्य को सुदृढ़ बनाया जाए।

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