उत्तराखंड
राजनीति: उत्तराखंड में “लोकपर्व इगास” बना राजनीतिक मुद्दा, हरीश रावत ने छुट्टी पर उठाया ये सवाल…
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में लोकपर्व इगास छाया हुआ है। जहां पहले छठ की छुट्टी के बाद इगास की छुट्टी की मांग की जा रही थी तो वहीं अब सीएम धामी के लोक पर्व इगास पर राजकीय अवकाश घोषित करने के बाद छुट्टी पर ही सवाल उठ रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम पुष्कर धामी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब इगास पर्व इतवार को पड़ रहा है तो छुट्टी देने का क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सीएम की घोषणाओं का लाभ इगास प्रेमियों को नहीं मिलेगा।
बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आगामी 14 नवंबर को इगास पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। सीएम ने इसकी जानकारी गुरुवार शाम ट्वीट कर दी थी। जिसपर अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस का वादा है इगास, पर्व के रूप में मनाया जा सके इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आधायत्मिक महत्व को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए हर वर्ष इगास के दिन सरकारी अवकाश रहेगा। साथ ही हरीश रावत ने लोगों को इगास की बधाई भी दी है। उन्होंने लिखा कि कोरी घोषणाओं के क्रम में इस वर्ष इगास मनाने के दिन छुट्टी करने का निर्णय भी कोरी घोषणाओं में सम्मिलित हो गया है।
हरदा ने कहा की 14 तारीख को इगास है, इसी दिन इतवार भी है अर्थात सरकार की घोषणा का लाभ इगास प्रेमी लोगों को नहीं मिलने जा रहा, सरकार की घोषणा इसी वर्ष के लिए है। गौरतलब है कि कुछ दिनों से पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार उत्तराखंड सरकार पर हमलावर हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर सनसनी फैला दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ताजा पोस्ट करते हुए आगनबाड़ी और राज्य आंदोलनकारियों के बहाने राज्य सरकार पर हमला बोला था।
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