Big Breaking: पूर्व मुख्यमंत्री को तीर्थ पुरिहित नहीं करने दे रहे बाबा केदार के दर्शन, प्रदर्शन कर लगाए ये आरोप... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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Big Breaking: पूर्व मुख्यमंत्री को तीर्थ पुरिहित नहीं करने दे रहे बाबा केदार के दर्शन, प्रदर्शन कर लगाए ये आरोप…

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Big Breaking: पूर्व मुख्यमंत्री को तीर्थ पुरिहित नहीं करने दे रहे बाबा केदार के दर्शन, प्रदर्शन कर लगाए ये आरोप…

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में पीएम मोदी बाबा केदार के दर्शन रने आ रहे हैं उससे पहले देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। बोर्ड के खिलाफ केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन लगातार उग्र हो रहा है। सोमवार सुबह केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थपुरोहित समाज ने जमकर विरोध किया। उन्हें संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। तीर्थपुरोहित एवं हक-हकूकधारी नारेबाजी के साथ जमकर विरोध कर रहे हैं। वहीं देवस्थानम् बोर्ड भंग करने को लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। तीर्थ पुरोहितों ने आज को संपूर्ण गंगोत्री धाम बंद रखने के साथ ही पूजा पाठ न करने का निर्णय लिया है। जिसमें गंगोत्री धाम की यात्रा पर पर आने वाले तीर्थ पुरोहितों को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड का एक्ट लाकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सनातन हिंदू धर्म पर कुठाराघात करने की कोशिश की है। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले भी कह चुके हैं देवस्थानम बोर्ड किसी का विरोध करने के लिए नहीं बल्कि चार धाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने समेत तमाम व्यवस्थाओं को करने के लिए किया गया है । वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी के दौरे से पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने सभी तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों से 3 नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर मांग को अनसुना करने का आरोप भी लगाया है।

तीर्थ पुरिहितों का कहना है कि दो साल से चारधाम में देवस्थानम बोर्ड का विरोध हो रहा है। तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारी चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं। इस दौरान कई बार शासन, प्रशासन से वार्ता भी हो चुकी है।पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत व वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होने से तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारी क्षुब्ध हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर जायज मांग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाता, केदारनाथ में आंदोलन जारी रहेगा।

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