उत्तराखंड
सख्ती: अब ग्लेशियरों का सफर नहीं होगा आसान, अगर ये नही किया तो झेलनी पड़ सकती है फजीहत…
देहरादून: उत्तरकाशी में ट्रैकरों की मौत के बाद राज्य सरकार नींद से जाग गई है। अब बिना अनुमति कोई भी ग्लेशियरों की सैर नही कर सकेगा। जी हां अब ग्लेशियरों की सैर करना आसान नहीं होगा। बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए पर्यटकों के खिलाफ वन विभाग सख्त कदम उठाएगा। विभाग ने ट्रैकरों को भेजने वाले टूर ऑपरेटरों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है।
बता दें कि ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले पर्यटकों की कपकोट और लोहारखेत में बने वन विभाग के बैरियर पर पंजीकरण और जांच की जाती है। कपकोट में पंजीकरण नहीं कराने वाले को लोहारखेत में रोक दिया जाता है। ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले देशी पर्यटकों के लिए एक सप्ताह तक का पंजीकरण शुल्क 67 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 122 रुपये है। एक सप्ताह के बाद यह प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कर्मी मोटर मार्ग और अन्य रास्तों के बनने के बाद पर्यटक बिना पंजीकरण कराए आसानी से ग्लेशियर तक पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों हुए हादसे से पहले प्रशासन ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया था, हालांकि अब कपकोट या लोहारखते के बैरियर को खाती या खर्किया में शिफ्ट कराने को लेकर चर्चा हो रही है। डीएफओ, डीएम और एसपी ने इस प्रस्ताव पर चर्चा भी कर ली है। रेस्क्यू अभियान समाप्त होने के बाद इसका प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने पर कार्य होगा। बिना अनुमति के ग्लेशियरों में पकड़े जाने वाले के खिलाफ वन अधिनियम, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और वन पंचायत नियमावली के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
एम्स, ऋषिकेश में आयोजित चिकित्सा क्षेत्र में सिमुलेशन पर आधारित सम्मेलन सम्पन्न…
मुख्यमंत्री के समक्ष लोगों ने रखी अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक एवं क्षेत्रीय समस्याएं…
उत्तराखण्ड में स्थापित होगा फायर सर्विस का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र…
उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट घोषित; हाईस्कूल में कमल और इंटर में अनुष्का टॉपर
पर्यटकों को हाईटेक, सुगम सुविधा और सुरक्षा, जाम से छूटकारा दिलाने को कसी कमर…
