देहरादून
काला खेल: यूपी,उत्तराखंड में चल रहा था क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों के चयन का खेल, पुलिस ने दबोचा…
देहरादून। उत्तराखंड में डबल इंजन सरकार जहां जीरो टॉलरेंस के दावे करती है। वहीं उत्तराखंड क्रिकेट टीम से जुडी बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड क्रिकेट टीम में एंट्री दिलाने के नाम पर चल रहे रैकेट का पुलिस ने खुलासा किया है। गुरुग्राम में 14 क्रिकेटरों से करीब सवा करोड़ की ठगी मामले में उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों की टीम में खिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठी गई है।इस रैकेट में राज्य की एक क्रिकेट अकादमी संचालक और कोच कुलबीर रावत की गिरफ्तारी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुग्राम पुलिस दो ऐसे कोच की भी तलाश कर रही थी, जो अकादमी का संचालन भी करते हैं। इनमें से एक कोच कुलबीर रावत देहरादून के बडोवाला में अकादमी चलाता है, जिसे गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ कर रही है। कुलदीप की क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के कुछ पदाधिकारियों से करीबी है, जिसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। गुरुग्राम में इस रैकेट के खुलासे के बाद राज्य क्रिकेट में हलचल मच गई है। जिन लोगों से टीम में शामिल करने के लिए मोटी रकम ली गई है उनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, सिक्किम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी शामिल हैं। इसके अलावा एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के आशुतोष बोरा, चित्रा बोरा और नितिन झा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
बताया जा रहा है इसी साल 24 अगस्त को न्यू पालम विहार में रह रहे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गांव पिपरिया निवासी अंशुल राज ने धोखाधड़ी की शिकायत सेक्टर-50 थाने में दर्ज कराई थी। उसके मुताबिक दिल्ली की डेयरडेविल क्रिकेट एकेडमी उन्होंने वर्ष 2016 के दौरान ज्वाइन की थी। दो साल बाद गोल्डन हाक एकेडमी में प्रैक्टिस के दौरान उनकी मुलाकात दीपक नामक युवक से हुई थी। दीपक ने बापरोला क्रिकेट एकेडमी के संचालक राज राजपूत से मिलवाया था। जिसके बाद उनकी मुलाकात एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े आशुतोष बोरा, चित्रा बोरा एवं पुष्कर तिवारी से कराई गई। उन्होंने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का लेटर दिखाते हुए कहा कि उनका चयन हो गया है। इस पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।
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